पहाड़गंज की सिंगापुर जैसी पार्किंग अटकी-बिजली-सड़क-पानी-एविएशन-रेल-दिल्ली-दिल्ली-Navbharat Times
पहाड़गंज की सिंगापुर जैसी पार्किंग अटकी-बिजली-सड़क-पानी-एविएशन-रेल-दिल्ली-दिल्ली-Navbharat Times
नई दिल्ली।। आधुनिक स्टैक (ऑटोमैटिक) पार्किंग के लिए दिल्ली वालों को और इंतजार करना पड़ेगा। सिंगापुर की तर्ज पर पहाड़गंज में बनी इस पार्किंग को अब तक फायर सेफ्टी विभाग का अप्रूवल नहीं मिल सका है। विभाग का कहना है कि नियमों में इस तरह की पार्किंग के बारे में कोई प्रावधान नहीं है।
एमसीडी की यह स्टेट-ऑफ-द-आर्ट-पार्किंग दिल्ली की अपनी तरह की पहली है। पहाड़गंज स्थित शीला सिनेमा के पीछे बनी इस पार्किंग पर 4.8 करोड़ की लागत आई थी। यहां 90 गाडि़यां पार्क करने सुविधा है। इसे कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले ही शुरू करने की योजना थी, मगर काम की गुणवत्ता से संतुष्ट न होने की हालत में एमसीडी ने इसका निर्माण रोक दिया था।
पिछले साल दिसंबर महीने में यह बनकर तैयार हो गई थी। इसके बाद कई बार आवेदन के बावजूद पार्किंग को फायर विभाग का एनओसी नहीं मिल पाया। यह उम्मीद जताई जा रही थी कि अप्रैल तक पार्किंग शुरू हो जाएगी, लेकिन अब यह टारगेट भी पीछे छूट गया है। पहाड़गंज का यह इलाका काफी भीड़भाड़ वाला है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और कई बजट होटल व गेस्ट हाउस यहां होने की वजह से दुनिया भर के पर्यटकों का आना जाना यहां लगा रहता है। आस-पास रिहायशी इलाके और मार्केट भी है। ऐसे में, यहां पार्किंग की समस्या काफी ज्यादा है।
एमसीडी ने यह घोषणा की थी स्टैक पार्किंग में 10 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से यहां कारें खड़ी की जा सकेंगी। अधिकारियों का कहना है कि यह पार्किंग पूरी तरह इस्तेमाल के लिए तैयार है बस एनओसी के मिलते ही इसे चालू कर दिया जाएगा। एनओसी हासिल करने के लिए कई बार आवेदन भेजा गया है, लेकिन फायर सेफ्टी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक पार्किंग के लिए एनओसी दिए जाने में जो एक्ट लागू होता है उसमें इस तरह के पार्किंग के लिए कोई प्रावधान नहीं है। अब तक विभाग भूमिगत व खुले में पार्किंग के लिए ही एनओसी जारी करता रहा है। एमसीडी ने दिल्ली में चार अलग-अलग इलाकों में स्टैक पार्किंग बनाने की योजना बनाई थी।
इनमें से एक पहाड़गंज इलाके की पार्किंग ही अब तक बनकर तैयार हो पाई है। इसमें कारें हाइड्रोलिक मशीन के जरिए खाली स्थान पर पार्क होंगी। स्टैक पार्किंग कंप्यूटर से जुड़ा होगा जिससे पता चल जाएगा कि कहां और कितनी जगह खाली है। गाड़ी खड़ी करने आने वालों को कंप्यूटराइज रसीद दी जाएगी। स्टैक पार्किंग तैयार करने वाली कंपनी को ही तीन साल के लिए इसे ऑपरेट करने का जिम्मा दिया गया है।
आम मल्टी लेवल पार्किंग में लोगों को खुद गाड़ी चलाकर अंदर ले जानी होती है और पार्किंग के लिए जगह ढूंढनीपड़ती है। यह तरीका सुरक्षित नहीं होता है। ऐसे में कई बार एक्सिडेंट भी हो जाते हैं। लेकिन स्टैक पार्किंगसिस्टम में लोगों को सिर्फ अपनी गाड़ी की चाबी पार्किंग अटेंडेंट को सौंपनी होती है। खुद अंदर जाने की जरूरतनहीं होती , क्योंकि गाड़ी पार्क करने का काम मशीनों के जरिए होता है। ऐसी पार्किंग उन जगहों पर बनाई जातीहै जहां जगह कम होती है , क्योंकि इस सिस्टम में एक कार की जगह पर कई तल बनाकर कई कारें पार्क की जासकती हैं। यहां कारें ऊपर - नीचे और लंबाई में , दोनों तरह से घूम सकती हैं।
यहां भी है स्टैक पार्किंग बनाने की योजना
एमसीडी के इंजीनियरिंग विभाग ने चार जगहों पर स्टैक पार्किंग बनाने की योजना बनाई है। इनमें से एकपहाड़गंज में पार्किंग बनकर तैयार है। इसके अलावा सत्यभामा रोड , केशव मार्केट , शालीमार बाग और सिटीजोन में भी इसके लिए जगह तय की गई हैं ।
एमसीडी की यह स्टेट-ऑफ-द-आर्ट-पार्किंग दिल्ली की अपनी तरह की पहली है। पहाड़गंज स्थित शीला सिनेमा के पीछे बनी इस पार्किंग पर 4.8 करोड़ की लागत आई थी। यहां 90 गाडि़यां पार्क करने सुविधा है। इसे कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले ही शुरू करने की योजना थी, मगर काम की गुणवत्ता से संतुष्ट न होने की हालत में एमसीडी ने इसका निर्माण रोक दिया था।
पिछले साल दिसंबर महीने में यह बनकर तैयार हो गई थी। इसके बाद कई बार आवेदन के बावजूद पार्किंग को फायर विभाग का एनओसी नहीं मिल पाया। यह उम्मीद जताई जा रही थी कि अप्रैल तक पार्किंग शुरू हो जाएगी, लेकिन अब यह टारगेट भी पीछे छूट गया है। पहाड़गंज का यह इलाका काफी भीड़भाड़ वाला है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और कई बजट होटल व गेस्ट हाउस यहां होने की वजह से दुनिया भर के पर्यटकों का आना जाना यहां लगा रहता है। आस-पास रिहायशी इलाके और मार्केट भी है। ऐसे में, यहां पार्किंग की समस्या काफी ज्यादा है।
एमसीडी ने यह घोषणा की थी स्टैक पार्किंग में 10 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से यहां कारें खड़ी की जा सकेंगी। अधिकारियों का कहना है कि यह पार्किंग पूरी तरह इस्तेमाल के लिए तैयार है बस एनओसी के मिलते ही इसे चालू कर दिया जाएगा। एनओसी हासिल करने के लिए कई बार आवेदन भेजा गया है, लेकिन फायर सेफ्टी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब तक पार्किंग के लिए एनओसी दिए जाने में जो एक्ट लागू होता है उसमें इस तरह के पार्किंग के लिए कोई प्रावधान नहीं है। अब तक विभाग भूमिगत व खुले में पार्किंग के लिए ही एनओसी जारी करता रहा है। एमसीडी ने दिल्ली में चार अलग-अलग इलाकों में स्टैक पार्किंग बनाने की योजना बनाई थी।
इनमें से एक पहाड़गंज इलाके की पार्किंग ही अब तक बनकर तैयार हो पाई है। इसमें कारें हाइड्रोलिक मशीन के जरिए खाली स्थान पर पार्क होंगी। स्टैक पार्किंग कंप्यूटर से जुड़ा होगा जिससे पता चल जाएगा कि कहां और कितनी जगह खाली है। गाड़ी खड़ी करने आने वालों को कंप्यूटराइज रसीद दी जाएगी। स्टैक पार्किंग तैयार करने वाली कंपनी को ही तीन साल के लिए इसे ऑपरेट करने का जिम्मा दिया गया है।
आम मल्टी लेवल पार्किंग में लोगों को खुद गाड़ी चलाकर अंदर ले जानी होती है और पार्किंग के लिए जगह ढूंढनीपड़ती है। यह तरीका सुरक्षित नहीं होता है। ऐसे में कई बार एक्सिडेंट भी हो जाते हैं। लेकिन स्टैक पार्किंगसिस्टम में लोगों को सिर्फ अपनी गाड़ी की चाबी पार्किंग अटेंडेंट को सौंपनी होती है। खुद अंदर जाने की जरूरतनहीं होती , क्योंकि गाड़ी पार्क करने का काम मशीनों के जरिए होता है। ऐसी पार्किंग उन जगहों पर बनाई जातीहै जहां जगह कम होती है , क्योंकि इस सिस्टम में एक कार की जगह पर कई तल बनाकर कई कारें पार्क की जासकती हैं। यहां कारें ऊपर - नीचे और लंबाई में , दोनों तरह से घूम सकती हैं।
यहां भी है स्टैक पार्किंग बनाने की योजना
एमसीडी के इंजीनियरिंग विभाग ने चार जगहों पर स्टैक पार्किंग बनाने की योजना बनाई है। इनमें से एकपहाड़गंज में पार्किंग बनकर तैयार है। इसके अलावा सत्यभामा रोड , केशव मार्केट , शालीमार बाग और सिटीजोन में भी इसके लिए जगह तय की गई हैं ।
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